नई दिल्ली। अंग परिवहन के लिए ट्रैफिक की समस्या से निपटते हुए ड्रोन की मदद ली जाएगी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री ने कहा कि अथॉरिटी हॉस्पिटलों में ड्रोनपोर्ट्स बनाने की तैयारी कर रही है। बड़े ड्रोन के लिए रजिस्ट्रेशन आज 1 दिसंबर से शुरू होगा। इसके लिए एक महीने बाद लाइसेंस इशू करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। हम अपनी ड्रोन पॉलिसी 2.0 पर काम कर रहे हैं। जिसके तहत ड्रोन को नजर से दूर रखकर उड़ाया जा सकेगा। उन्होंने बताया बड़े हॉस्पिटल के बीच एयर कॉरिडोर बनाने पर भी विचार चल रहा है।हॉस्पिटलों में ड्रोनपोर्ट्स बनने से अंग परिवहन के लिए बहुत ज्यादा समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए नई पॉलिसी पर 15 जनवरी को ग्लोबल एविएशन समिट में विचार किया जाएगा। ड्रोन के लिए स्पेशल डिजिटल एयरस्पेस भी बनाया जाएगा। अगले फेज में, ड्रोन पॉलिसी में बड़े बदलाव किए जाने हैं। कुछ दिनों में सामान भेजने के लिए एक पायलट कई ड्रोन को ऑपरेट कर सकेगा। इस मुद्दे पर जल्द ही श्वेत पत्र भी जारी किया जाएगा।
Related posts
-
थैलेसीमिया दिवस पर विशेष: हीमोग्लोबिन निर्माण की प्रक्रिया के सही काम ना करने से होती है थैलीसीमिया की बीमारी
डॉ अनुरूद्ध वर्मा हर वर्ष 8 मई को अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है इसका दिवस... -
दिल्ली कैंट के संजय कैंप में मेडिकल टेस्ट और परामर्श शिविर का सफल आयोजन
नई दिल्ली: मेजर डॉ. टीसी राव और प्राइमस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के सौजन्य से दिल्ली कैंट... -
गुड पेरेंटिंग: आज और भविष्य की ज़रूरत
डॉ. प्रांजल अग्रवाल, डिप्टी एडिटर-ICN लखनऊ। भौतिकता के इस दौर में, मकान हो या मोटर कार, क्रेडिट कार्ड...